तूझसे नहीं मिलेंगे तो क्या, मर थोड़ी जाएंगे।

हम फिर से नई उलझनों में उलझ जाएंगे।।


याद तेरी आएगी फिर मयखाने में चले जाएंगे।

नई महफिलों में, नए यारों में घुलमिल जाएंगे।।


मुबारक हो तूझे तेरा शहर, हम नया शहर बसाएंगे।

हम रांझा, हीर या देवदास से मिलकर नहीं आएंगे।।


अपनी अधूरी पे्रम कहानी को यूं ही लिखते जाएंगे। 

बेशक है दिल में दर्द, पर हर जिम्मेवारी निभाएंगे।।


याद आएगी वो, जब सांस हम लेते जाएंगे। 

तूझसे नहीं मिलेंगे तो क्या, मर थोड़ी जाएंगे।।



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