...एक और भूल की इजाजत है तुम्हें



भूल सको तो भूल जाओ इजाजत है तुम्हे,

ना भूल सको तो लौट कर आना, 

एक और भूल की इजाजत है तुम्हे,

टूटे दिल को हम तो समझा बैठे हैं,

किस्मत ने क्या-क्या रग दिखाए हमें,

किसी को पाना नहीं है जिदंगी,

मगर भूल कैसे जाएं तुम्हे,

जब पलटेंगे जिदंगी के पन्ने कभी,

जाउंगा वहीं, देखने तुम्हे कभी,

ऐ जिंदगी बता क्या वो मिल पाएंगे हमें,

या फिर यूं ही कट जाएंगे जीवन के ये लम्हे,

मैं आउं फिर से लौटकर देखने तुम्हे,

या फिर ख्वाबों में ही मिलोगे तुम हमें।

-मोहित 

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